बुज़ुर्गाने दीन वलियो के मज़ार का तवाफ़ करना कैसा है || Buzurgane Deen Waliyo ki Mazaar Ka Tawaf Karna Kaisa Hai
Buzurgane Deen Waliyo ki Mazaar Ka Tawaf Karna Kaisa Hai :
सवाल : बुज़ुर्गाने दीन वलियो के मज़ार का तवाफ़ करना कैसा है,बहुत से मज़ारों पर देखा गया है कि तवाफ़ करते हैं यानि मज़ार के चारों तरफ घूमते हैं ऐसा करना सही है कि नहीं जवाब इनायत करें महरबानी होगी?_
जवाब : आला ह़ज़रत इमाम अह़मद रज़ा ख़ान अलैहिर्रह़मा फरमाते हैं कि मज़ार का तवाफ़ कि मह़ज़ बा नियत ताज़ीम किया जाये नाजायज़ है कि ताज़ीम के साथ तवाफ़ करना मखसूस खाना ए काबा शरीफ़ है,और आला ह़ज़रत फरमाते हैं कि रौज़ ए अनवर का तवाफ़ ना करो,ना सजदा करो,ना इतना झुकना कि रूकू के बराबर हो, हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की ताज़ीम उनकी इताअत में है,,,लिहाज़ा मालूम हुआ कि मज़ार का तवाफ़ नहीं करना चाहिए_
(फतावा रज़विया शरीफ जदीद जिल्द 10 सफह 769)
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