सफर में नमाज़ के बारे में जरूरी मसाइल ( QASR KI NAMAZ KAB PADHI JATI HAI ) दुसरो तक शेयर करे और ढेरों नेकिया कमाये।



QASR KI NAMAZ KAB PADHI JATI HAI :


➤ मुसाफिर अपने काम के लिये किसी ऐसे मक़ाम पर गया जो शरअन सफर की मुसाफत पर है यानी साढ़े सत्तावान मील ( 92.54 K.m. ) या उससे जियादा के फासले पर है और वहां उसने पन्द्रह ( 15 ) दिन ढहेरने की निय्यत नही की बल्कि पन्द्रह  ( 15 ) दिन से कम ढहेरने की निय्यत की क्युकी उसे गुमान और उम्मीद थी कि मेरा काम दो ( 2 ) चार ( 4 ) दिन में हो जाएगा और उसका इरादा येह है कि काम हो जाते ही चला जाऊँगा और उसका काम आज हो जाएगा,,, कल हो जाएगा कि सूरत में है ओर आज/कल.... करते करते.....अगले साल ( वर्ष ) दो साल भी गुजर जाए जब भी वोह मुसाफिर है मुक़ीम स्थायी नही लिहाजा क़स्र करे।

{  बहारे शरीअत हिस्सा 4 सफहा 80 }


➤ सफर करने वाले पर शरअन मुसाफिर के अहकाम सिर्फ उस सूरत में नाफ़िज़ होंगे जब कि उसकी निय्यत सच्चे अजुम और इरादे पर महमुल ( आधारित ) हो अगर किसी मक़ाम पर पहुंच कर पन्द्रह ( 15 ) दिन या जि़यादा. ठहरने की निय्यत भी की और उसे मालूम है कि मुझे पन्द्रह ( 15 ) दिन से पहले यहां से चला जाना है तो येह निय्यत न हुई बल्कि महज तखय्युल ( फक़्त अनुमान-Supposing ) हुआ मिसाल के तौर पर एक शख्स हज के इरादे से जिलहिज्ज़ह महीने की पहली तारीख ( दिनाक ) को मक्का मोअज़्जमा पाहुचा और उसने मक्का मोअज़्जमा में पन्द्रह ( 15 ) दिन ढहेरने की निय्यत की तो उस की निय्यत का एतबार ( Belief ) नही क्योंकि उसे नौ ( 9 ) और दस ( 10 ) जिल हिज्जा को अरफ़ात मिना और मुजदल्फा नाम के मकाम में अरकाने हज्ज अदा करने के लिये मक्का मोअज़्जमा से जरूर निकलना पड़ेगा मक्का मोअज़्जमा में पन्द्रह दिन मुत्तसिल ठहरना मुमिकन ही नही इस सूरत में उसे क़स्र नमाज़ पढ़नी होगी, अलबत्ता अरफ़ात और मीना से वापसी के बाद निय्यत करे तो सहीह है.

{ हवाला बहारे शरीअत हिस्सा 4 सफहा 80
फतावा रजविया जिल्द 3 सफहा 664 }

➤ इसी तरह साढे  सत्तावान मील ( 92.54 K.m. ) से कम अंतर तक जाने का अजुम ( प्रयोजना ) है और घर से निकले वक़्त साढे सत्तावान मील की निय्यत की ताकि आबादी से निकलते ही असना-ए-राह से ही क़स्र नमाज़ की सहूलियत ( Facility ) की इजाजत मिल जाए तो येह निय्यत नही बल्कि ख्याल बन्दी है इस सूरत में उसे क़स्र नमाज़ की इजाजत नही.


दोस्तो ऐसे मसाइल खूब सेर करते जाए किया पता किस की नमाज़ सही हो जाय और उसका सवाब आप को मिले,

5 comments:

  1. Namaj me padhi jane wali surate or namaj ki barikiya bhej mail kare

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    1. https://www.mydawateislami.com/search/label/NAMAZ%20KE%20MASAIL?&max-results=7

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  2. حالات حاضرہ ان ملکوں میں جہاں اسلام دشمن طاقتوں نے ایسے قوانین بنا لی ہیں جن سے سفر میں نماز پڑھنا بہت دشوار ہو گیا ہے
    ایسے میں اپنی نمازوں کی حفاظت کس طرح کی جائے

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  3. Agar musafir ko malum ho use 2 mahine hoga toh kya hukm hai kasr

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  4. Bus or train me namaz kaise padhene ka trika

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