जानिये ! मुहर्रम इस्लामी नया साल का पहला महीना क्यों है (10 MOHARRAM KO KYA-KYA HUA ?)
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"तमाम सुन्नी मुसलमानों को इस्लामी नया साल बहुत बहुत मुबारक हो,याद रहे कि ये मुबारकबाद नए साल की है ना कि मआज़ अल्लाह इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की शहादत की जैसे कि आज कल कुछ जाहिल बदअक़ीदा मुल्ला अवाम को बरगलाने के लिए इस तरह की खुराफातें फैला रहे हैं कि देखो सुन्नी अब शहादते हुसैन की भी मुबारक बाद देने लगे लिहाज़ा ऐसे मुल्लाओं और ऐसी जाहिलाना बातों से दूर रहे,अब आईये आपको बताते हैं कि इस महीने में शहादते इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के अलावा भी और बहुत सारे काम हुए हैं,पहले तो ये जानिये कि मुहर्रम को मुहर्रमुल हराम क्यों कहते हैं इसलिये कि ज़मानये जाहिलियत में भी इस महीने में जंग व क़िताल हराम था,इस महीने की 10 तारीख को क्या क्या काम हुये फेहरिस्त मुलाहजा करें | "
1. हज़रत सय्यदना आदम अलैहिस्सलाम की तौबा क़ुबूल हुई
2. हज़रत सय्यदना यूनुस अलैहिस्सलाम की तौबा क़ुबूल हुई और मछली के पेट से बाहर आये
3. हज़रत सय्यदना नूह अलैहिस्सलाम की कश्ती जूदी पहाड़ पर ठहरी,उस दिन शुकराने पर रोज़ा रखा और तमाम को रोज़ा रखवाया
4. हज़रत सय्यदना इब्राहीम अलैहिस्सलाम पैदा हुए
5. हज़रत सय्यदना ईसा अलैहिस्सलाम पैदा हुए
6. हज़रत सय्यदना यूसुफ अलैहिस्सलाम क़ैद से बाहर आये
7. हज़रत सय्यदना मूसा अलैहिस्सलाम पैदा हुए
8. हज़रत सय्यदना इब्राहीम अलैहिस्सलाम पर आग गुलज़ार हुई
9. हज़रत सय्यदना अय्यूब अलैहिस्सलाम ने शिफा पाई
10. हज़रत सय्यदना याक़ूब अलैहिस्सलाम की आंख की रौशनी वापस आई
11. हज़रत सय्यदना यूसुफ अलैहिस्सलाम कुंए से बाहर निकले
12. हज़रत सय्यदना सुलेमान अलैहिस्सलाम को बादशाहत मिली
13. हज़रत सय्यदना मूसा अलैहिस्सलाम जादुगरों पर ग़ालिब आये
14. हज़रत सय्यदना इदरीस अलैहिस्सलाम जन्नत में पहुंचे
15. फिरऔन का लश्कर गर्क़ हुआ
16. क़यामत इसी दिन आयेगी
17. पहली बार बारिश हुई
18. आसमान कुर्सी कलम पहाड़ समन्दर पैदा हुए
19. इसी दिन असहाबे कहफ करवटें बदलते हैं
20. और सय्यदना हज़रत इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की शहादत हुई
📕 जामेय सगीर,जिल्द 5,सफह 34/226
📕 अजायबुल मखलूक़ात,सफह 44
📕 गुनियतुत तालेबीन,जिल्द 2,सफह 53
📕 नुज़हतुल मजालिस,जिल्द 1,सफह 145
इसलिये यही महीना इस्लामी नया साल का पहला महीना क़रार पाया,अब सोचिये कि जिस दिन जिस महीने कितने ही अज़ीम काम हुए अगर उस महीने की यानि नए इस्लामी साल की कोई मुबारकबाद पेश कर दे तो कुछ नाम निहाद सुन्नियों को मिर्चा लग जाता है उनका कहना है कि शहादते इमाम हुसैन पर कैसी मुबारकबाद,मआज़ अल्लाह क्या कोई मुसलमान शहादत की मुबारकबाद दे रहा है नहीं बल्कि नए साल की,और इनसे पूछा जाए कि क्या शहादत मातम मनाने के लिए हुई थी मौला तआला फरमाता है कि हर जान को मौत का मज़ा चखना है यानि जो पैदा हुआ है उसे मरना है मगर मौत का क्या ही अज़ीम मक़ाम है शहीद होना,मगर आज के कुछ जाहिलों ने इस अज़ीम मरतबे को तमाशा बना डाला है उनके नज़दीक अब जब तक इमाम हुसैन रज़ियल्लाह तआला अन्हु जैसे शहीद पर मातम ना करो सीना ना पीटो कपड़े ना फाड़ो गाल ना नोचो जिस्म को बिला वजह लहु लुहान ना करो और शेखैन पर तबर्रा ना कसो तब तक वो इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का चाहने वाला नहीं है मआज़ अल्लाह,हुज़ूर ने जो ज़हर वाला गोश्त खाया था आपके विसाल के वक़्त उस ज़हर का असर लौटाया गया ताकि आपको शहीद होने का मर्तबा भी हासिल हो हालांकि आपको इसकी ज़र्रा बराबर भी ज़रूरत नहीं थी मगर ऐसी शानदार फज़ीलत से अल्लाह आपको महरूम नहीं रखना चाहता था सो वो मर्तबा भी आपको हासिल हुआ,हज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को ग़ारे सौर में जब सांप ने काटा तो हुज़ूर के लोआबे दहन लगाते ही वो ज़हर का असर जाता रहा मगर आपके विसाल पर उस ज़हर का असर भी लौटाया गया ताकि आपको भी शहादत का दर्जा हासिल हो,ग़ौर कीजिये अगर इस्लाम में मातम ही रवा होता तो क्या हुज़ूर के विसाल से भी कोई बड़ा ग़म मुसलमानों पर टूटा था सहाबये किराम अपना आपा तक खो बैठे थे,हज़रत अबु बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु शिद्दते ग़म से निढ़ाल हो गए,हज़रत उमर फारूके आज़म रज़ियल्लाहु तआला अन्हु तलवार लेकर घूम रहे थे कि अगर किसी ने कहा कि हुज़ूर का विसाल हो गया तो गर्दन मार दूंगा,हज़रत उसमान ग़नी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की बोली बंद हो गई,हज़रत मौला अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को इस क़दर ग़म लाहिक़ हुआ कि जहां बैठे थे वहीं बैठे रह गए और जुम्बिश तक ना की,हज़रत अब्दुल्लाह बिन उनैस रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का तो हार्ट फेल ही हो गया,सहाबये किराम का बुरा हाल था मगर हदीसों की किताब उठाकर देखिये कि क्या ये खेल तमाशे वहां भी हुये थे,नहीं नहीं और हरगिज़ नहीं,मगर आज कल के निहाद हुसैनियों का हज़रत इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को याद करने का तरीका देखिये,ढोल ताशा ये बजायें लाठी ये लड़ायें करतब ये दिखायें झाड़ फानूस से बनाये हुए रौज़ये इमाम हुसैन की बेहुरमती ये करें ताज़िया के नाम पर औरतों और मर्दों का नाजायज़ मेला ये इकठ्ठा करें और ये सब खुराफातें करके बन गए सच्चे शैदाइये हुसैन | इस दिन सुन्नी रोज़ा रखे सदक़ा करे इत्मिनान से लंगर इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का एहतेमाम करे नमाज़ों को क़ज़ा ना करते हुए अपने वक़्तों पर अदा करे |
"Tamam sunni musalmano ko islami naya saal bahut bahut mubarak ho,yaad rahe ki ye mubarak baad naye saal ki hai na ki maaz ALLAH imaam husain raziyallahu taala anhu ki shahadat ki jaise ki aaj kal kuchh jaahil mulla awaam ko bargalane ke liye is tarah ki khurafatein faila rahe hain ki dekho sunni ab shahadate husain ki bhi mubarak baad dene lage lihaza aisi mullaon aur aisi jaahilana baaton se door rahein,ab aayiye aapko batate hain ki is mahine me shahadate imaam husain raziyallahu taala anhu ke alawa bhi aur bahut saare kaam hue hain,pahle to ye jaaniye ki muharram ko muharramul haraam kyun kahte hain isliye ki zamanaye jihalat me bhi is mahine me jungo qitaal haraam tha is mahine ki 10 tareekh ko kya kya kaam hue sabki fehrist mulahza karen"
2. Hazrat sayyadna yunus alaihissalam ki tauba qubool huyi aur aap machhli ke peit se baahar aaye
3. Hazrat sayyadna nooh alaihissalam ki kashti joodi pahaad par thahri,us din shukrane ke taur par aapne roza rakha aur tamam ko roza rakhwaya
4. Hazrat sayyadna ibraheem alaihissalam paida hue
5. Hazrat sayyadna moosa alaihissalam paida hue
6. Hazrat sayyadna eesa alaihissalam paida hue
7. Hazrat sayyadna yusuf alaihissalam qaid se baahar aaye
8. Hazrat sayyadna ibraheem alaihissalam par aag gulzar huyi
9. Hazrat sayyadna ayyub alaihissalam ne shifa paayi
10. Hazrat sayyadna yaqoob alaihissalam ki aankhon ki raushni wapas aayi
11. Hazrat sayyadna yusuf alaihissalam kunwe se baahar nikle
12. Hazrat sayyadna suleman alaihissalam ko baadshahat mili
13. Hazrat sayyadna moosa alaihissalam jaadugaro par gaalib aaye
14. Hazrat sayyadna idrees alaihissalam jannat me pahunche
15. Firaun ka lashkar gark hua
16. Pahli baar baarish huyi
17. Aasman kursi kalam pahaad samandar sab isi din paida hue
18. Isi din ashaabe kahaf karwatein badalte hain
19. Qayamat isi din aayegi
20. Aur sayyadna imaam husain raziyallahu taala anhu ki shahadat huyi
📕 Jaame sageer,jild 5,safah 34/226
📕 Ajaybul makhtuqat,safah 44
📕 Guniyatut talebeen,jild 2,safah 53
📕 Nuzhatul majalis,jild 1,safah 145
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