हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम और एक नूरानी तारा...(Hazrat Jibrail Alaihissalam Aur Ek Noorani Tara)
Hazrat Jibrail Alaihissalam Aur Noorani Tara:
एक मर्तबा हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हजरत जिब्रईल अमीन अलैहिस्सलाम से दर्या़फ्त फरमाया :
कि ऐ जिब्रईल ! तुम्हारी उम्र कितनी है..?
तो हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम ने अर्ज़ किया : हुजूर ! मुझे कुछ खबर नही ! हा , ईतना जानता हूं कि चौथे हिजाब में एक नूरानी तारा सत्तर हजार बरस के बाद चमकता था ! मैंने उसे बहत्तर हजार मर्तबा चमकते देखा है !
हुज़ूर नबी ए करीम अलैहिस्सलाम ने यह सुनकर फरमाया :
"मेरे रब की ईज्जत की क़सम ! मैं ही वह नूरानी तारा हूं ! "
रुहुल ब्यान जिल्द १, सफा ६७४
"हमारे हुजुर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम काईनात की हर चीज़ से पहले पैदा फरमाए गए हैं ! आपका नूर ए पाक उस वक्त भी था जबकी न कोई फ़रिश्ता था, न कोई बशर , न जमीऩ थी , न आसमान और न कोई शय ! !"
Aye Jibrail ! Tumhari Umr kitni hai ?
To Jibrail Alaihissalam ne arz kiya :
Huzur ! mujhe kuch khabar nahi. Ha ! itna janta hu ki Chouthe hijab me ek noorani tara 70 hazar baras ke baad chamkta tha. Maine 72 hazar martaba chamakte dekha hai.
Huzur Sallallaho Alaihiwassalam ne sunkar farmaya :
"Mere Rabb Ki Izzat Ki Kasam ! Mai Hi Vo Noorani Tara Hu"
(RUHUL BAYAN, JILD 1)
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